Lord shiva mahashivratri 2026 rituals guide checklist

१. अनिवार्य सामग्री (Essential Samagri)

  • [ ] हवन कुंड/पात्र: तांबे का कुंड या मिट्टी का पात्र।
  • [ ] मुख्य ईंधन: गोमय (गाय के गोबर के कंडे) और आम की समिधा।
  • [ ] घृत: शुद्ध देसी गाय का घी।
  • [ ] हवन सामग्री: औषधीय जड़ी-बूटियाँ, काले तिल, जौ, गुग्गुल और भीमसेनी कपूर।
  • [ ] विशेष किट: सुगमता हेतु ‘दिव्य हवन शक्ति किट’।
  • [ ] अभिषेक द्रव्य: कच्चा दूध, दही, शहद, गन्ने का रस और गंगाजल।

२. समय सारिणी: चतुष्प्रहर पूजा (Timings for Feb 15-16, 2026)

प्रहरसमय (अनुमानित)मुख्य अभिषेक द्रव्यमुख्य मंत्र
प्रथम प्रहर06:15 PM – 09:25 PMकच्चा दूधसद्योजात मंत्र
द्वितीय प्रहर09:25 PM – 12:35 AMशुद्ध दहीवामदेव मंत्र
तृतीय प्रहर12:35 AM – 03:45 AMशुद्ध घीअघोर मंत्र (निशीथ काल)
चतुर्थ प्रहर03:45 AM – सूर्योदयशहद/गन्ने का रसतत्पुरुष/ईशान मंत्र

३. निशीथ काल तांत्रिक साधना (Midnight Sadhana)

  • समय: मध्यरात्रि 12:09 AM से 01:00 AM (16 फरवरी की रात)।
  • आसन: कुशा या ऊनी आसन (उत्तर मुखी)।
  • मुख्य बीज मंत्र: > “ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय”
  • ध्यान केंद्र: आज्ञा चक्र (भौंहों के मध्य)।

४. हवन विधि के मुख्य चरण (Step-by-Step Havan)

  1. आचमन एवं शुद्धि: “ॐ अपवित्रः पवित्रो वा…” मंत्र से स्वयं पर जल छिड़कें।
  2. संकल्प: हाथ में जल लेकर वर्ष, तिथि और अपना उद्देश्य बोलें।
  3. अग्नि प्रज्वलन: “ॐ अग्नये नमः” बोलकर कपूर से अग्नि जलाएं।
  4. मुख्य आहुति: पञ्चाक्षरी या महामृत्युंजय मंत्र के साथ ‘स्वाहा’ बोलकर आहुति दें।
  5. पूर्णाहुति: “ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं…” के साथ अंतिम आहुति।

५. विसर्जन एवं क्षमा-प्रार्थना (Closing)

  • भस्म धारण: अग्नि ठंडी होने पर मस्तक और कंठ पर विभूति लगाएं।
  • क्षमा मंत्र: > “अपराधसहस्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया। दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर॥”
  • शांति पाठ: “ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥”

६. पारण विधि (Breaking the Fast – Feb 16, 2026)

  • समय: प्रातः 06:50 AM (सूर्ोदय) के पश्चात।
  • दान: अन्न या दक्षिणा का संकल्प।
  • प्रथम आहार: अदरक-मिश्री जल, तत्पश्चात मूंग दाल खिचड़ी या सात्विक भोजन।
  • सावधानी: पारण के तुरंत बाद भारी या तला-भुना भोजन न करें।

💡 विशेष स्मरणीय बिंदु:

  • हवन के दौरान मृगी मुद्रा (अंगूठा, मध्यमा, अनामिका) का प्रयोग करें।
  • पूरे अनुष्ठान के समय ‘मानसिक मौन’ बनाए रखें।
  • शिवलिंग पर अर्पित किया गया नैवेद्य स्वयं ग्रहण न करें (यदि वह केवल शिवलिंग पर चढ़ा है, उसे विसर्जित करें)।

भगवान भोलेनाथ आपकी इस महाशिवरात्रि साधना को सफल करें। ॐ नमः शिवाय!

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